माउंट एवरेस्ट, नेपाल-चीन सीमा पर स्थित, विश्व का सबसे ऊँचा पर्वत शिखर है।

इसकी ऊँचाई 8,848 मीटर (29,029 फुट) है, जो कि खगोलशास्त्रीय निर्णयों से प्रमाणित है।

यह पर्वत शिखर सगरमाथा भी कहलाता है, जिसका अर्थ 'स्वर्ग की श्री' होता है।

माउंट एवरेस्ट को पहली बार 1953 में सर एडमंड हिलेर और तेंजिंग नोर्गे सर्ग पहुंचे थे।

यह खराब मौसम, अधिकतम ऊँचाई और थिन वायुमंडल के कारण एक खतरनाक पर्वत चढ़ाई है।

माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचने का मार्ग चुनौतीपूर्ण होता है, जिसमें सख्त प्रशिक्षण और उचित आवश्यक सामग्री की आवश्यकता होती है।

इस पर्वत के चार यात्रा मार्ग होते हैं: दक्षिण सिरे, समुद्री मार्ग, सेन्जन मार्ग, और नॉर्थ कोल मार्ग।

माउंट एवरेस्ट के चारों ओर हिमालयी पर्यावरण की सुंदर दृश्यमान प्राकृतिक सौंदर्य होता है।

यहाँ की ऊँचाइयों पर जीवन नहीं हो सकता है, क्योंकि वायुमंडल में ओक्सीजन की कमी होती है।

माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचने की प्रयासरत उन शिखर श्रमिकों के लिए व्यक्तिगत और दृढ़ संकल्प की आवश्यकता होती है।

माउंट एवरेस्ट के चढ़ाई मार्ग पर कई धार्मिक स्थल भी होते हैं, जिनमें गुम्बा और मन्दिर शामिल हैं।

माउंट एवरेस्ट पर्वत शिखर विश्व की प्राकृतिक श्रेष्ठता की एक प्रतीक है और यह पर्यावरण संरक्षण की महत्वपूर्णता को भी स्मरणशील कराता है।

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